गुरुवार, 29 अक्तूबर 2009

कराह

११ सितम्बर २००८ याद है मुझे, तब बिहार में बाढ़ की वजह से हरियाणा में थर्मल पॉवर प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति प्रभावित हो रही थी, उस दिन हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को प्रगति मैदान में किसी समरोह में शिरकत करने आना था! मेरा ऐसाईंमेंट था सीएम साहब को घेरना का,थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले की कमी हो रही है बाढ़ की वजह से और सरकार के पास दूरदर्शी योजना क्यों नहीं,विषम परिस्थितियों में प्लांट को सुचारू रूप से चलाने की! मैंने कैमरामैन विद्या को साथ लिया,विद्या ने कैमरा इन्टर्न को साथ लिया और हम तीनो पहुंचे प्रगति मैदान!वहां सीएम साहब तो थे नहीं पर pwd मंत्री अजय यादव मिले उनसे ही सवाल-जवाब कर खानापूर्ति की!
वहां से ऑफिस के नीचे आया ही था की मनीष पांडे की कॉल आ गई,"आज सीपी में हूँ समय हो तो मिलिए".मैं भी राजी हो गया क्योंकि कई दिनों साथ बैठने का प्रोग्राम बन रहा था!मैंने रिकार्डिंग की टेप एक लड़के से ऑफिस में  दिया और निकल लिया मनीष जी के साथ!बाराखम्भा के सामने इनर सिर्किल में पेट्रोल पम्प के सामने दुकान है,बियर ली और गाड़ी वापस बाराखम्भा की और मोड़ लिए चूँकि वेस्टर्न कोर्ट जाना था!लालबत्ती पर ही खड़े थे की जोर का धमाका हुआ.कुछ समझ नहीं आया की क्या हुआ!इंडिगो हिचकोले खा गई थी!ज़मीन पे तो सन्नाटा छा गया पर असमान कबूतरों के चीख-पुकार से गूंजने लगा!सामने देखा तो बाराखम्भा बसस्टैंड के सामने इक्के दुक्के लोग भागा-दौड़ी कर रहे थे,आशंका हकीक़त में बदल गई!बाराखम्भा रोड पर ज़बरदस्त बम धमाका हुआ था!आव देखा ना ताव अनूप जी को कॉल करते दौड़ पड़ा की नीचे कैमरा भेजिए मैं हूँ ब्लास्ट हुआ है!स्पॉट पर पहुंचा वहां ओम्लेट जलने जैसी बू आ रही थी,इंसानों के जले अंग की बू थी!कोई कराह रहा था तो कोई सो गया था!कराह को शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाउँगा क्योंकि उस कराह की कानजलाऊं आवाज़ मैंने ज़िन्दगी में पहली बार सुनी थी!ये सब देखकर पल भर के सन्न रहा फिर शुरू हुआ कैमरे के सामने माइक पकड़ कर पेशे का प्रबंधन!लगे रहे मेरे तमाम सहयोगी भी जो की मिनटों के अन्तराल में नीचे आ गए थे!ये,मैं कहानी नहीं लिख रहा पर पता नहीं क्यों कल से वो पूरा दर्दनाक वाकया आँखों के सामने घूम जा रहा है,वो बू भी नथुनों में घुसी सी जा रही है और वो अजीब कराह कानों में शोर कर रहा है!उस दिन से लेकर अबतक तो प्रोफेसनल था मैं, ये अजीब क्यूँ हो रहा है मेरे साथ???क्या उनके साथ भी कभी,वर्षों बाद ही सही होता होगा,जो इस पूरे दर्दनाक मंज़र का ताना बना रचते हैं??????????????????http://www.youtube.com/watch?v=JwRG03AIX_4&feature=related

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें