शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2009

मैं


मैं सम्पूर्ण नहीं हूँ,
पर मैं भी तो हूँ ना,
मैं इश्वर कब था,
मैं इश्वर कब हूँ?
फिर ये शोर क्यों?
सुधर जाओ-सुधर जाओ
की कर्कश आवाजें क्यों?

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